उज्जैन। चलती ट्रेन में चढऩा खतरनाक है बावजूद इसके लोग मानते नहीं है। शनिवार को रेलवे स्टेशन पर चलती ट्रेन में बूढ़ी मां को कंधे पर लेकर चढऩे के कोशिश करने वाले बेटे का पैर फिसल गया और वह गेप में गिरने लगा। उसी समय आरपीएफ के जवान ने देख लिया तो दौड़ लगाकर मां-बेटे को खींचकर ट्रेन में चढ़ाया। यदि थोड़ी-सी भी देर हो जाती तो मां-बेटे की मौत हो जाती।
चलती ट्रेन में मां-बेटे के चढऩे की घटना शनिवार दोपहर को मालवा एक्सप्रेस में प्लेटफार्म नंबर १ पर हुई। यहां एक बेटा अपनी बूढ़ी मां को लेकर पहुंचा था। जब यह पहुंचे तो ट्रेन चलने लगी थी। इस पर बेटे ने पहले टे्रन के डिब्बे में अपना सामान फेंका। इसके बाद चलती ट्रेन में बूढ़ी मां को बैठान के लिए उसे कंधे पर उठा लिया। मां को कंधे पर रखकर वह चलती ट्रेन के डिब्बे को पकडऩे दौड़ा। युवक पहुंच भी गया और डिब्बे के हेंडल को पकड़ भी लिया। इस दौरान उसका पैर फिसल गया और वह प्लेटफार्म व ट्रेन के गेप में गिरने लगा। इस वक्त स्टेशन पर ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ के हेडकांस्टेबल रामप्रकाश शर्मा ने युवक को ट्रेन से गिरते देखा। उन्होंने तुरंत दौड़ लगाई और युवक के पास पहुंचे । शर्मा ने मां-बेटे को गेप से निकालते हुए ऊपर खींचा और चलती ट्रेन में ही दोनों को डिब्बे में चढ़ा दिया। आरपीएफ टीआई नवीन उपाध्याय ने बताया कि मां-बेटे को ट्रेन में चढ़ाते समय यदि हेडकांस्टेबल शर्मा का बैलेंस बिगड़ता तो वे भी दुर्घटना का शिकार हो सकते थे लेकिन उन्होंने जान की परवाह नहीं की और दोनों को बचा लिया। हालांकि ट्रेन चलने के कारण मां-बेटे के बारे में जानकारी नहीं लग पाई।
चंद सेकंड में ही चली जाती जान
मां-बेटे के चलते ट्रेन में चढऩे और गेप में गिरने व हेडकांस्टेबल द्वारा बचाने का आरपीएफ ने ३९ सेकंड का वीडियो भी जारी किया। इस वीडिय़ों में महज चंद सेकंड में ही मां-बेटे के गेप में गिरते हैं और हेडकांस्टेबल दौड़कर उन्हें बचा लेता। यदि कुछ सेकंड की देरी होती तो बड़ी घटना हो जाती।
ट्रेन में चढऩे की यह कैसी जल्दबाजी, बेटे ने मां का जीवन भी दांव पर लगाया ।