नए सुरक्षा फीचर से साथ फिर आएगा एक रुपये का नया नोट, कीमत से ज्यादा है इसकी लागत ।

 

सरकार एक रुपये के नोट को नए सुरक्षा फीचर के साथ जल्द बाजार में पेश करने वाली है। 7 फरवरी की एक अधिसूचना में कहा गया है कि वित्त मंत्रालय इसकी छपाई करने की तैयारी में है। इसमें कई वाटरमार्क यानी विशेष पहचान चिन्ह होंगे। आइए एक नजर डालते हैं इसके खास फीर्चस पर। 


1 इस नोट पर सबसे ऊपर में हिन्दीं में भारत सरकार लिखा होगा। इसके ठीक नीचे अंग्रेजी में गवर्मेंट ऑफ इंडिया लिखा होगा।
2 इसपर वित्त सचिव अतनु चक्रवर्ती का हिन्दीं और अंग्रेजी में हस्ताक्षर होगा।
3. इसपर एक रुपये के सिक्के का प्रतीक चिन्ह होगा जिसपर सत्यमेव जयते लिखा होगा।
इसमें दाईं तरफ नीचे की ओर काले रंग से नोट का नंबर लिखा होगा जो बांए से दाएं बढ़ते क्रम में होंगे।
5 इसमें पहले तीन नंबर और शब्द आकार में एकसमान होंगे।
6 इस नोट में ऊपर में भारत सरकार और गवर्मेंट ऑफ इंडिया के बाद वर्ष 2020 लिखा होगा।
इसमें अन्न का प्रतीक बना होगा जो कृषि प्रधान देश का संकेत होगा। इसमें 15 भाषाओं में रुपये की कीमत लिखी होगी। इसमें तेल प्लेटफॉर्म सागर रत्न का प्रतीक भी बना होगा।
8 इस नोट का रंग सामने से गुलाबी-हरा होगा जबकि पीछे कई रंगों का मेल होगा।
9 इस नोट की लंबाई 9.7 सेंटीमीटर और चौड़ाई 6.3 सेंटीमीटर होगी।
10 इसमें कई वाटरमार्क होंगे जिसमें सत्यमेव जयते के बिना अशोक स्तंभ लिखा होगा। बीच में अंकों में एक लिखा होगा जिसे गौर करके ही पहचाना जा सकता है। इसके बाद भारत भी लिखा होगा जो आसानी से नहीं दिखाई देगा।


ऐसे हुई एक रुपये के नोट की शुरुआत



 


प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान एक रुपये का सिक्का चलता था जो चांदी का हुआ करता था। लेकिन युद्ध के चलते सरकार चांदी का सिक्का ढालने में असमर्थ हो गई और इस तरह 30 नवंबर 1917 में पहली बार एक रुपये का नोट लोगों के सामने आया। इसपर ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम की तस्वीर छपी थी।


1926 में किया गया था बंद


भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की वेबसाइट के अनुसार इस नोट की छपाई को पहली बार 1926 में बंद किया गया क्योंकि इसकी लागत ज्यादा थी। इसके बाद इसे 1940 में फिर से छापना शुरु कर दिया गया जो 1994 तक जारी रहा। इसके र्वष 2015 में फिर इसकी छपाई शुरु की गई।


गवर्नर का हस्ताक्षर नहीं


इस नोट की सबसे खास बात यह है कि इसे अन्य भारतीय नोटों की तरह भारतीय रिजर्व बैंक जारी नहीं करता बल्कि भारत सरकार ही इसकी छपाई करती है। एक रुपये के नोट पर वित्त सचिव का हस्ताक्षर होता है। जबिक अन्य नोट पर रिजर्व बैंक के गवर्नर का हस्ताक्षर होता है। वर्ष 2020 के एक रुपये के नोट पर वित्त सचिव अतनु चक्रवर्ती का हस्ताक्षर होगा।


कीमत से ज्यादा है लागत



 


एक रुपये के नोट को छापने की लागत 1.14 रुपये बैठती है। वर्ष 2015 में सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी में यह तथ्य सामने आया था। आपको यह जानकर बेहद हैरानी होगी कि कानूनी आधार पर एक रुपये का नोट एक मात्र वास्तविक मुद्रा यानी नोट (करेंसी नोट) है। अन्य सभी तरह के नोट धारीय नोट (प्रॉमिसरी नोट) होते हैं जिस पर धारक को उतनी राशि अदा करने का वचन दिया गया होता है।