महाकाल एक्सप्रेस को लेकर औवेसी का मोदी को ट्वीट, लोगों का फुटा गुस्सा ।

 



बाबा महाकाल की सीट बुक करने और भजन गाने का विरोध 


इंदौर. वाराणसी से उज्जैन के बीच शुरू की गई काशी-महाकाल एक्सप्रेस में भगवान शिव के लिए रिजर्व सीट को लेकर राजनीति शुरू हो गई। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ने पीएमओ () को ट्वीट कर ट्रेन में सीट पर शिव मंदिर बनाए जाने को लेकर सवाल उठाए हैं। ओवैसी ने संविधान की एक कॉपी को भी अटैच किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वाराणसी से इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। औवेसी के ट्वीट के बाद हिंदू संगठनों में आक्रोश बढ़ गया और सोशल साइट पर ही गुस्सा निकल रहा है। हर कोई औवेसी को जमकर कोस रहा है। 
पहली बार भगवान के लिए सीट 
सोमवार को ट्रेन उज्जैन और इंदौर रेलवे स्टेशन पर पहुंची।  इस ट्रेन का स्वागत भजन गाकर किया गया।  ट्रेन के कोच बी5 में सीट नंबर 64 को बाबा महाकाल के लिए आरक्षित रखा गया है। लोगों को इसकी जानकारी रहे, इसके लिए सीट पर मंदिर बनाया है। ऐसा पहली बार है, जब किसी भगवान के लिए सीट आरक्षित की गई है। ट्रेन में भक्ति संगीत, हर कोच में दो निजी गार्ड और केवल शाकाहारी भोजन मिलेगा। इस ट्रेन के हर कोच में 5 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। ट्रेन मेंं कुल 1080 सीट हैं। न्यूनतम किराया 1629 रु. है। यह ट्रेन आम जनता के लिए 20 फरवरी से शुरू होगी।



लोगों का निकला गुस्सा 
औवेसी के ट्वीट के बाद लोगों ने फोटो रिट्वीट किए और लिखा कि एक सीट से संविधान याद आ गया। जब एक धर्म विशेष के लोगों द्वारा पूरी ट्रेन रोकी जाती है और प्लेटफार्म जाम किया जाता है। तब कहां जाता है संविधान। इसके बाद लोग जमकर रिट्वीट करने लगे।