उज्जैन। प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन में शुक्रवार सुबह 7.15 बजे को शर्मसार करने वाली घटना हुई। यहां के रेलवे स्टेशन पर एक बालक ट्रेन से गिरकर बुरी तरह घायल हो गया। वह दो घंटे तक प्लेटफॉर्म पर तड़पता रहा, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा, किसी ने उससे उठाने तक की जहमत नहीं उठाई। वह मदद की गुहार लगाता रहा, लेकिन लोग उसे भिखारी समझकर आगे बढ़ते रहे। बालक करीब दो घंटे तक खून से लथपथ प्लेटफॉर्म पर ही पड़ा रहा, आरपीएफ, जीआरपी व स्टेशन प्रबंधक तक खबर पहुंचने के बाद भी उसे तत्काल मदद नहीं मिल पाई। बाद में 108 एंबुलेंस पर इसकी सूचना दी गई। 108 के नहीं पहुंचने पर घायल को आरपीएफ आरक्षक मनोज अकोदिया ऑटो से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसे उपचार दिया गया।
आरपीएफ ने बताया कि सूरज पिता भगवान सिंह (16) निवासी देवास सुबह 7.15 पर इंटरसिटी एक्सप्रेस में बैठकर नागदा से उज्जैन आया। ट्रेन प्लेटफॉर्म 5 पर रुकने वाली थी, उसके पूर्व ही चलती टे्रन से उसने उतरने का प्रयास किया। तभी वह पटरी पर गिरकर घायल हो गया। वह घायल हालत में ही प्लेटफॉर्म पर 1.30 घंटे पड़ा रहा। उसके सिर से खून बह रहा था। बाद में वह पटरी पार कर प्लेटफॉर्म नंबर १ पर आकर बैठ गया। तब कहीं जाकर सहायक स्टेशन प्रबंधक एनसी चाक मौके पर पहुंचे। उन्होंने आरपीएफ को इसकी सूचना दी। आरपीएफ आरक्षक मनोज अकोदिया ने टोल फ्री नंबर 108 पर एम्बुलेंस को फोन किया परंतु 25 मिनट तक एम्बुलेंस के नहीं पहुंचने पर आरक्षक उसे ऑटो में बैठाकर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसे उपचार दिया गया।
कोई मदद के लिए नहीं हुआ तैयार
सूरज के सिर से लगातार खून बह रहा था। उसके कपड़े पूरी तरह खून से लथपथ हो गए थे और वह आते-जाते लोगों से मदद मांग रहा था। परंतु लोग उसे भिखारी समझकर कोई मदद के लिए आगे नहीं आया।
इस घटना ने उज्जैन को कर दिया शर्मसार, नहीं पसीजा किसी का दिल ।