इंदौर. एमवाय अस्पताल में मंगलवार काे हादसा टल गया। अस्पताल के पिछले हिस्से में बने चेस्ट यूनिट सेंटर की दूसरी मंजिल में लगे एसी में अचानक भीषण आग लग गई। आग से दूसरी मंजिल में धुआं भर गया। अफरा- तफरी के बीच कर्मचारियों ने यहां से मरीजों को पहली मंजिल में शिफ्ट किया। इस मंजिल पर 16 मरीज भर्ती थे। अस्पताल कर्मियों ने फायर ब्रिगेड को सूचना देते हुए यहां मौजूद फायर उपकरणों से आग पर काबू पाया।
एमवाय अधीक्षक पीएस ठाकुर ने बताया कि स्लीप स्टडी रूम में आग लगी थी। यहां पर 10 मरीज माैजूद थे। आग वाले रूम से ही आईसीयू वार्ड भी लगा है, जहां पर 6 मरीज भर्ती थे। आग से आईसीयू में भर्ती मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई। जबकि जनरल वार्ड में भर्ती 10 मरीजों को तत्काल पहली मंजिल पर शिफ्ट करवा दिया गया।
सभी को पहले एमवाय की मुख्य बिल्डिंग में शिफ्ट करने वाले थे, लेकिन उसकी जरूरत नहीं पड़ी। बाद में दो मरीजों को मुख्य बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया। ठाकुर ने बताया कि पहले फायर उपकरण से कर्मचारियों ने आग बुझाने की कोशिश की। लेकिन वे नाकाम रहे। इसके बाद फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। इसके बाद कर्मचारियों ने एक बार और आग पर काबू पाने की कोशिश की, जिस पर वे कामयाब हो गए। जिस जगह पर आग लगी थी, वहीं पर ग्राउंड फ्लोर पर कोरोनावायरस के लिए आईसोलेशन वाॅर्ड बनाया गया है।
एमवाय में पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
2017 में एमवाय की तीसरी मंजिल स्थित एनआईसीयू वार्ड में भीषण आग लगी थी। जिस समय आग लगी वार्ड में करीब 47 बच्चे एडमिट थे। आग लगते ही अस्पताल की लाइट बंद हो गई और पूरे वार्ड में धुंआ भर गया था। जैसे-तैसे लोग बच्चों को लेकर बाहर निकले। आग छत पर लगे एसी में शार्ट सर्किट से लगी थी।
2015 में एमवाय अस्पताल की पांचवीं मंजिल पर बने आईसीयू वार्ड में एक टीबी मरीज आग लगने से घायल हाे गया था। ऑक्सीजन मॉस्क लगाते समय अचानक लाइन में आग लग गई। आग लगते ही नली के साथ धुंआ मरीज के मुंह तक पहुंच गया और उसे सांस लेने में परेशानी होने लगी। यहां से गुजर रहे एक अटेंडर ने दौड़कर ऑक्सीजन सप्लाय को बंद कर मरीज काे बचाया था।