नई दिल्ली, 8 फरवरी । दिल्ली विधानसभा (Delhi Legislative Assembly) चुनाव (Delhi Assembly Election) के लिए शनिवार को मतदान होगा और नतीजे 11 फरवरी को घोषित होंगे। बिजली और पानी मुफ्त करने का दांव चलकर जहां पहले आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने मुकाबला एकतरफा करने की कोशिश की थी, मगर जिस तरह से भाजपा (BJP) ने कारपेट बॉम्बिंग करते हुए पूरी ताकत झोंक दी, उससे अब चुनाव रोचक हो गया है। लोग आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और भाजपा (BJP) की जीत-हार को लेकर अटकलें लगाने में जुटे हैं। यहां हम बात कर रहे हैं उन 10 कारणों की, जिनके आधार पर भाजपा (BJP) की हार और जीत तय होगी।
भाजपा (BJP) क्यों जीतेगी?
1- जबरदस्त ध्रुवीकरण
भाजपा (BJP) ने दिल्ली विधानसभा (Delhi Legislative Assembly) चुनाव में ध्रुवीकरण की आक्रामक पिच तैयार की। शाहीन बाग का प्रदर्शन मानो मुंह मागी मुराद जैसा हाथ लग गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से लेकर गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अन्य छोटे से लेकर बड़े नेता हर रैली और सभाओं में शाहीन बाग-शाहीन बाग का मुद्दा उछालते रहे। सभाओं में जनता के बीच सवाल उछालते रहे- आप शाहीन बाग के साथ हैं या खिलाफ? शरजील इमाम के असम वाले बयान, जेएनयू, जामिया हिंसा को भी भाजपा (BJP) ने मुद्दा बनाकर बहुसंख्यक वोटर्स को साधने की कोशिश की।
2- धुआंधार कैंपेनिंग
छोटे से केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली के लिए भाजपा (BJP) ने जितनी ताकत झोंक दी, उतनी बड़े-बड़े राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी मेहनत नहीं की। भाजपा (BJP) ने गली-गली मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद-विधायकों की फौज दौड़ा दी। कोई मुहल्ला नहीं बचा, जहां बड़े नेताओं ने नुक्कड़ सभाएं नहीं कीं। इससे भाजपा (BJP) ने अपने पक्ष में जबरदस्त माहौल बनाने की कोशिश की।
3- व्यापारियों का झुकाव
दिल्ली के व्यापारियों को सीलिंग का भय हमेशा सताता रहा है। व्यापारियों को लगता है कि केंद्र में भाजपा (BJP) की सरकार होने के कारण वह सीलिंग से राहत दिला सकती है। शायद यही वजह रही कि मतदान से एक दिन पहले शुक्रवार को दिल्ली के व्यापारियों के सबसे बड़े संगठन कैट ने भाजपा (BJP) को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। इस संगठन से दिल्ली में 15 लाख व्यापारी जुड़े हैं, जिनका दावा है कि वे 30 लाख लोगों को रोजगार देते हैं। ऐसे में भाजपा (BJP) के साथ सचमुच व्यापारी समुदाय आया तो फिर पार्टी बेहतर कर सकती है।
4- एंटी इन्कमबेंसी
दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी को अगर छोड़ दें तो इंफ्रास्ट्रक्च र के मोर्चे पर अपेक्षित काम नहीं हुआ है। ऐसा दिल्ली के लोगों का मानना है। 2015 में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की प्रचंड लहर में चुनाव जीतने में सफल रहे विधायकों के बाद में जनता से दूर हो जाने की शिकायतें आम हैं। यही वजह है कि केजरीवाल को अपने कई विधायकों के टिकट काटने पड़े। पांच साल सत्ता में रहने पर केजरीवाल को एंटी इन्कमबेंसी लहर झेलनी पड़ सकती है।
5- भाजपा (BJP) की सौगातें
भाजपा (BJP) ने चुनावी घोषणापत्र के जरिए दिल्ली के लोगों के मन से यह डर निकालने की कोशिश की है कि उसकी सरकार बनने पर बिजली, पानी मुफ्त की योजना बंद हो जाएगी। भाजपा (BJP) ने इन योजनाओं के जारी रहने की बात कही है। साथ ही भाजपा (BJP) ने दिल्ली की 1700 से अधिक अवैध कालोनियों में रजिस्ट्री की शुरुआत कर वहां के लोगों में बैठे डर को दूर कर दिया। दो रुपये किलो की दर से आटा, गरीब बच्चियों को इलेक्ट्रिक स्कूटी, 376 झुग्गियों में रहने वाले दो लाख से अधिक परिवारों को दो-दो कमरे के मकान का वादा कर रिझाने की कोशिश की है। इन वादों पर अगर जनता ने भरोसा किया तो भाजपा (BJP) चुनाव में सबको चौंका सकती है।
भाजपा (BJP) क्यों हारेगी?
6- साइलेंट वोटर बना गरीब
केजरीवाल ने जिस तरह से दो सौ यूनिट बिजली और महीने में 20 हजार लीटर पानी मुफ्त कर दिया, उससे आम जन और गरीब परिवारों की जेब पर भार कम हुआ है। लाभ पाने वाला गरीब तबका चुनाव में साइलेंट वोटर बना नजर आ रहा है। बिजली कंपनियों के आंकड़ों की बात करें तो एक अगस्त को योजना की घोषणा होने के बाद दिल्ली में कुल 52,27,857 घरेलू बिजली कनेक्शन में से 14,64,270 परिवारों का बिजली बिल शून्य आया। लाभ पाने वाले अगर झाड़ू पर बटन दबाएं तो फिर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की वापसी की राह आसान होगी।
7-मुसलमानों का झुकाव
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नागरिकता संशोधन कानून आने के बाद से मुस्लिमों की बड़ी आबादी के मन में डर बैठ गया है। मुसलमान उस पार्टी को वोट देना चाहते हैं जो बीजेपी (BJP) को हराने में सक्षम हो। कांग्रेस (Congress) दिल्ली चुनाव में कहीं नजर नहीं आ रही है, ऐसे में मुसलमानों का अधिकतर वोट आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) को जाना तय माना जा रहा है। दिल्ली में सीलमपुर, ओखला आदि सीटों पर मुस्लिम निर्णायक स्थिति में हैं।
8- महिलाओं को भी आप ने बनाया वोट बैंक
आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने जितना महिलाओं पर फोकस किया, उतना बीजेपी (BJP) ने नहीं। केजरीवाल सरकार ने बसों में 30 अक्टूबर को भैयादूज के दिन से मुफ्त सफर की महिलाओं को सौगात दी। एक आंकड़े के मुताबिक प्रतिदिन करीब 13 से 14 लाख महिलाएं दिल्ली में बसों में सफर करतीं हैं। ऐसे में महिलाओं को अगर झाड़ू की बटन पसंद आई तो फिर भाजपा (BJP) के लिए दिक्कत हो जाएगी।
9- स्कूलों की फीस न बढ़ने देना
दिल्ली में स्कूलों की हालत सुधरने को जो दावे हों, मगर सबसे ज्यादा लाभ प्राइवेट स्कूलों (Private School)की फीस पर अंकुश लगाने से मध्यमवर्गीय जनता को पहुंचना बताया जा रहा है। आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के ही एक सूत्र के मुताबिक दिल्ली में अधिकांश स्कूल कांग्रेस (Congress) और भाजपा (BJP) नेताओं के चलते हैं। ऐसे में केजरीवाल ने फीस पर नकेल कस दी। इसका लाभ मध्यमवर्गीय परिवारों को हुआ है। यह वर्ग मतदान में भी बड़ी भूमिका निभाता है।
10- भाजपा (BJP) की सेना बनाम अकेले खड़े केजरीवाल
राजनीतिक विश्लेषकों के एक वर्ग का मानना है कि भाजपा (BJP) का हद से ज्यादा आक्रामक चुनाव प्रचार अभियान फायदा देने की जगह नुकसान भी दे सकता है। केजरीवाल खुद भाजपा (BJP) की भारी-भरकम बिग्रेड का बार-बार हवाला देते हुए खुद को अकेला बताते हैं। ऐसे में जनता की अगर केजरीवाल के प्रति सहानुभूति उमड़ी तो फिर भाजपा (BJP) के लिए दिक्कत हो सकती है।