बुजुर्गों को झटका : तीर्थ दर्शन यात्रा पर रोक तीर्थ दर्शन यात्रा पर रोक लगाकर बुजुर्गों को झटका दिया
प्रदेश सरकार ने तीर्थ दर्शन यात्रा पर रोक लगाकर बुजुर्गों को झटका दिया है। शिवराज सरकार के समय बुजुर्गों को ट्रेनों के माध्यम से विभिन्न मंदिरों के दर्शन करवाए जाते थे। यह योजना कमलनाथ सरकार ने भी जारी रखी थी। उज्जैन शहर से भी कई बुजुर्ग विभिन्न तीर्थ स्थलों का भ्रमण कर चुके हैं।
जेब से महंगा रेल टिकट नहीं खरीद पाते
जिला पंचायत के माध्यम से तीर्थ यात्रियों का पंजीयन होता था और बुजुर्ग अपने साथ एक सहयात्री को भी साथ ले जाने की पात्रता रखता था। परंतु अचानक प्रदेश सरकार ने इस यात्रा पर रोक लगाते हुए यह कहां की इस यात्रा मैं लोग तीर्थों के दर्शन नहीं करते बल्कि घूमने फिरने के लिए जाते हैं। कई गरीब बुजुर्गों को जो अपनी जेब से महंगा रेल टिकट नहीं खरीद पाते और वे इस वजह से तीर्थ दर्शन के लिए वंचित रह जाते थे।
तथा उनके मन में एक कसक रह जाती थी कि वे अपने जीवन में एक बार भी किसी भी तीर्थ के दर्शन नहीं कर पाए। इसी को देखते हुए भाजपा सरकार ने बुजुर्गों के लिए तीर्थ दर्शन यात्रा योजना चलाई थी। इसका पूरा खर्च राज्य सरकार उठाती थी। वित्तीय संकट से निपटने के लिए खर्चों में कटौती करने के लिए चल रही कवायद के बीच प्रदेश सरकार ने करीब 4000 बुजुर्गों तीर्थ यात्रा पर रोक लगा दी है।
अचानक यात्रा बंद होने से बुजुर्गों के चेहरे पर मायूसी छा गई
15 फरवरी से शुरू होने वाली पांच, ट्रेनों में वैष्णो देवी काशी द्वारका और रामेश्वरम तीर्थयात्री जाने वाले थे। इस योजना का लाभ उठाने के लिए इन तीर्थयात्रियों को भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन के साथ प्रदेश के अन्य जिलों को भी चुना गया था। वही पहली ट्रेन वैष्णो देवी के लिए 15 फरवरी को भोपाल से रवाना होने वाली थी। अचानक यात्रा बंद होने से बुजुर्गों के चेहरे पर मायूसी छा गई है। तीर्थ दर्शन यात्रा बंद होने से राजनीति सियासत भी गरमा गई है।
सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने कहा है कि या यात्रा फिजूलखर्ची है इसको बंद करने से सरकार के पैसों की बचत होगी। वही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बुजुर्गों को यात्रा करवाना पवित्र कार्य है और कमलनाथ सरकार को हर अच्छे कार्य को बंद करने की आदत पड़ गई है।