★पाकिस्तानी सेना ने दीपिका का किया समर्थन
★कांग्रेस ने किया दीपिका का समर्थन
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दीपिका_पादुकोण_गद्दार
इन 3 प्रमुख हैशटैग के साथ दीपिका पादुकोण का हो रहा है देशभर में विरोध , फ़िल्म प्रमोशन के नाम पर दुकड़े टुकड़े गैंग के समर्थन में जाकर खड़े होने की नोटँकी पड़ी भारी । नागरिक टिकिट कैंसल करके स्क्रीनशॉट के साथ इन्ही हेश टैग का प्रयोग कर रहें है । फ़िल्म निर्माताओं की चिंता बढ़ गयी है । साथ ही नागरिक दीपिका के ट्विटर हैंडल पर हर पोस्ट के नीचे खुलकर विरोध कर रहें है । वही दूसरी ओर किसानों का अब तक कर्ज माफ न करने वाली कमलनाथ सरकार ने दीपिका की फ़िल्म का टेक्स माफ कर दिया है । दीपिका पादुकोण ने जेएनयू में छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष से मुलाकात की थी। इस दौरान देशविरोधी गतिविधियों का में संलिप्त रहने वाला ओर बुरी तरह जनता दरबार(चुनाव) मे पटखनी खाने वाला पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी कैंपस में मौजूद था और नारेबाजी कर रहा था। दीपिका वहां करीब 10 मिनट रुकी थीं। रिपोर्ट के अनुसार, एक्ट्रेस ने घायल स्टूडेंट्स से मुलाकात कर दुख जताया और एकजुट रहने की बात कही।
विवाद की मुख्य जड़ -:
दीपिका पादुकोण की फिल्म आ रही है. छपाक. 10 जनवरी को. दीपिका एसिड अटैक सर्वाइवर का रोल निभा रही हैं. फिल्म में उनका नाम मालती है. यह फिल्म लक्ष्मी अग्रवाल की लाइफ पर बनी हैं. सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि फ़िल्म में एसिड फेंकने वाले का नाम राजेश है. जबकि लक्ष्मी पर जिस आदमी ने एसिड फेंका था उसका नाम नईम खान है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब अटैकर मुस्लिम था तो फिल्म में उसे हिंदू नाम क्यों दिया गया है. दीपिका के जेएनयू जाने के बाद से ही उनके समर्थन और विरोध में पोस्ट हो रहे हैं. 8 जनवरी, 2020 को ये दावा होने लगा. स्वराज्य मैगज़ीन ने 8 जनवरी 2020 को 2 बजकर 4 मिनट पर यह दावा पोस्टकिया है.
आम नागरिकों ने दीपिका के विरोध में क्या ट्वीट कर रहे है एक नजर -:
●पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ नामक यूजर ने लिखा -:
यह डर हमें अच्छा लगा
आखिर हिंदुओं की एकता रंग लाई खबर के मुताबिक फ़िल्म में रातों रात सुधार किया गया है और अब फ़िल्म में एसिड अटैक आरोपी जिहादी कौम का ही रहेगा।
सत्य की जीत हुई...
●बाबा बबंडर नाथ नामक यूजर लिखते है -:
टुकड़े टुकड़े गैंग वालों के सर में लगी है, लेकिन पुलवामा के शहीदों के तो शरीर भी नहीं आए थे
कितनों के घर गई थी दीपिका पादुकोण?
●मनीषा जैन लिखती है
प्रिय दीपिका,
तुम्हें दीपिका बने रहने में क्या कष्ट था जो तुम स्वरा भास्कर बनने निकल पड़ीं ???
●हिना शेख लिखती है
कोटा में 100 से ज्यादा बच्चे मरे दीपिका नहीं गई
पुलवामा में,शहीदों के पूरे शरीर उनके घर पर नहीं पहुंचे
दीपिका नहीं गई
जिस jnu में भारत तेरे टुकड़े होंगे,नारे लगे,
जंहा देशद्रोह का आरोपी कन्हैया कुमार आजादी मांग रहा होवहां दीपिका तुरंत पहुंच गई ।
●प्रिया हिंदुस्तानी लिखती है
बहन लक्ष्मी अग्रवाल जिस पर दीपिका पादुकोण ने फिल्म छपाक बनाई फिल्म मे एसिड अटैक करने वाले को हिदू दिखाया गया अपराधी नईम खान का नाम छुपाया गया पता है
क्यो?
क्यूकि बॉलीवुड जानता है कि एक मात्र हिन्दू समाज ऐसा है जिसको जितना बदनाम कर लो वो कुछ नही बोलेगा ।
●एस के पांडे लिखते है
'जैसा खाया अन्न वैसा हुआ मन '
दाऊद के पैसे पर पलने वाले बॉलीवुड के भांड गद्दार ही बन सकते हैं, देशभक्त नहीं.
●राम यादव नामक यूजर लिखते है
तो पहले ये तय करलो की सच्चाई दिखानी है अगर तो पुरी तरह सच्चाई दिखाओ उसमे काट छांट करके हिंदुओं की भावनाओं से खेलना कौन सी सरफात है अगर एसिड अटेकर नदीम खान था तो नदीम खान ही दिखाओ ।
◆मीदुन नामक यूजर लिखते है
अच्छा रहा जो बॉलीवुड ने 9/11 पर फिल्म नहीं बनाई वरना ओसामा बिन लादेन का नाम बदलकर ओम प्रकाश तिवारी कर देते....
◆मोहित सोगरवाल नामक यूजर लिखते है
लक्ष्मी अग्रवाल पर 2013 में एसिड अटैक एक #नदीम_खान नामक ने किया था लेकिन बॉलीवुड में #दीपिका_पादुकोण की रील छपाक में उस व्यक्ति का नाम राजेश शर्मा कर दिया जो कि एक अत्यंत निन्दनीय काम है अगर इनको सच्चाई दिखानी थी तो इनने नाम क्यू बदल दिया ?
नोट :-(ट्वीट आम जनता द्वारा स्वयं की भाषा मे लिखे गए है उसमें वर्तनी त्रुटि की संभावना है , यह यूजर के निजी विचार है )
सन्दर्भ -: ट्विटर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म
संकलन एवं प्रस्तुतिकरण - मिलिन्द्र त्रिपाठी