शादी की खुशियां 3 दिन पहले नाचे गाए उसके बाद अर्थी को देना पड़ा कंधा।
फेरों को मात्र 48 घंटे हुए और शादी का स्नेहभोज बस शाम को रखा गया था...!!
बहन की बारात भी शाम को आना थी..!!
पेशे से पटवारी बड़े भाई ऋतुराज सिंह जी राठौर और उनके पटवारी साथी उज्जैन से अपनी परीक्षा देकर लौट रहे थे...एक यत्री बस ने तपो भूमि मार्ग पर पीछे से टक्कर मार दी..!!
ऋतुराज हुकुम ने वही दम तोड़ दिया।।। और साथी मिश्रा जी का अस्पताल पहुँचते देहांत हो गया।।।
माँ बाप का चिराग बुझ गया..!!
बहन का भाई खो गया और बहन को जिंदगी भर अपना शादी का दिन भाई को खोने की बातों से याद करना पड़ेगा..!!
और जो केवल दो दिन पहले दुल्हन बनी,जिसने केवल दो दिन पहले अपने जीवन का नया पड़ाव शुरू किया था, ऋतुराज सिंह जी की धर्म पत्नी उनका पुरा जीवन शून्य हो गया, शादी के दो दिन बाद ही विध्वा हो गईं.!!
भगवान बस एक प्रार्थना है दोनों बड़े भाईयों को अपनी शरण में जगह दे।।
कुछ सवाल बस आप सभी से -
किसका क्या बिगड़ा??
क्या सिर्फ पैसे ही सब कुछ है अब??
इंदौर रोड़ पर बसे 120 से ऊपर की स्पीड में चल रही..!!
या तो ये समय आ गया की घर से बोल कर ही ये निकले की शायद ही वापस आऊ मैं?
वो लोग करोडपति है अगर तो उन्हें किसी की भी जान लेने का अधिकार है?
क्यूँ शासन प्रशासन कोई इनके विरोध में कार्यवाही नहीं कर सकते..??